टीकाकरण के बारे में जानकारी: कन्पेड़, मोतीझारा, पीलिया, दिमागी बुखार, निमोनिया, खासी-जुकाम; इन सब से बचाव के टीके अपने बच्चों को लगवाएं।
उल्टी-दस्त में बच्चों को उल्टी की दवाई देने के 20 मिनट बाद पानी पिलाएं, दस्त को बंद करने के लिए हरी-पीली गोली न दें।
बच्चे को समय पर पैदा हुआ होने पर, समय से पहले पैदा हुआ होने पर, हर 2-3 घंटे में दूध पिलाएँ। हर बार दूध पिलाने के बाद डकार दिलाएँ।
बुखार होने पर तुरंत बुखार की दवाई दें, तेज बुखार में डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों को घर का बना हुआ खाना दें, दुध के साथ रोटी, सब्जी, दाल, हलवा-खीर भी दें।
बच्चों को केवल दुध पर न रखें, कुरकुरें, चिप्स, चाऊमीन से दूर रखें।
6 महीने की आयु के बाद पेट के कीड़े की दवाई डॉक्टर की सलाह पर दे सकते हैं।
6-7 साल की आयु तक बच्चे बिस्तर में पेशाब कर सकते हैं, बाद में साबुन से हाथ धोना जरूरी है।
बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्तवद ज्वदपब आवश्यक है।
6 महीने की आयु के बाद पेट के कीड़े की दवाई डॉक्टर की सलाह पर दे सकते हैं।
6-7 साल की आयु तक बच्चे बिस्तर में पेशाब कर सकते हैं, बाद में साबुन से हाथ धोना जरूरी है।
बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्तवद ज्वदपब आवश्यक है।
अगर उनके शरीर का रंग सफेद हो जाता है, या कहीं से खून निकलता है।
अगर छूने पर उनके शरीर को गर्म या ठंडा लगता है।
अगर उनके अंगों को असामान्य ढंग से हिलाते हैं।
अगर नाभि से मवाद निकलता है।
अगर नाभि से मवाद निकलता है।
दूध पीने के बाद पानी जैसी टट्टी करें या टट्टी में खून या रेशा हो।