दूध पिलाने से पहले और टट्टी या पेशाब साफ करने के बाद अपने हाथ जरूर धोएँ।
पहले छः महीने में शिशु के लिए माँ का दूध पर्याप्त होता है। उसे ऊपरी दूध, पानी, जन्म घुट्टी की आवश्यकता नहीं होती।
पूरे समय पर पैदा हुए, बच्चे को माँगने पर दूध दें । समय से पहले पैदा हुएु, बच्चे को हर 2-3 घंटे मे दूध पिलाएँ । हर बार दूध पिलाने के बाद डकार दिलवाएँ ।
शिशु को अपने से, एक अतिरिक्त कपड़ा पहनाकर गर्म रखें। ठंड में सिर, हाथ, और पैर को भी ढक्कर रखें। हाथ और पैर गुलाबी रंग में दिखें और छूने पर गर्म हों।
बच्चे की नाभी पर कुछ न लगाएँ, उसे सूखा और साफ रखें।
बच्चे के टीकाकरण के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
शिशु का रंग पीला हो, या पेशाब का रंग पीला हो, या टट्टी का रंग हल्का पीला या सफेद हो ।
अगर शिशु बीमार या सुस्त लग रहे हो, या वह दूध नहीं पी पा रहे हो।
अगर उनकी सांस खींच कर ली जाती है, या वह तेज हैं, या होंठ नीले पड़ जाते हैं।
अगर उनके शरीर का रंग सफेद हो जाता है, या कहीं से खून निकलता है।
अगर छूने पर उनके शरीर को गर्म या ठंडा लगता है।
अंग असामान्य ढंग से हिलाना ।
अगर नाभि से मवाद निकलता है।
2.5 किलोग्राम से कम वजन के बच्चे को नहलाना नही हैं सिर्फ गीले कपड़े से सफाई करें ।
दूध पीने के बाद पानी जैसी टट्टी करें या टट्टी में खून या रेशा हो।